Aalhadini

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The Train... beings death 32


इंस्पेक्टर कदंब और नीरज चिंकी को ढूंढने के लिए कोई लिंक तलाश करने के लिए चिंकी के कमरे में जांच पड़ताल करने के लिए गए थे। वहां पर चिंकी की स्केचबुक इंस्पेक्टर कदंब को मिली जिसमें रेलवे स्टेशन का स्केच बना हुआ था।


 अगला स्केच देखते ही स्केचबुक इंस्पेक्टर कदंब के हाथ से छूटते छूटते बची। उस पन्ने पर बने स्केच को देखते ही इंस्पेक्टर कदंब के माथे पर पसीने की बूंदें चमकने लगी थी। नीरज की भी हालत कमोबेश इंस्पेक्टर कदंब के जैसी ही थी। इंस्पेक्टर कदंब और नीरज दोनों आंखें फाड़े हुए उस स्केच को देख रहे थे।



 उस स्केच में चिंकी ने बहुत ही बारीकी से हर एक चीज को ड्रॉ किया था। वो स्केच ट्रेन के एक बोगी का था.. जिसमें छोटी सी बच्ची निचली वाली बर्थ के पास खिड़की के पास चिपकी हुई बैठी थी। उसके सामने दो विचित्र से जीव बैठे हुए थे।


 वह एक बहुत बड़े डायनासोर जैसा दिखाई देन वाले जीव थे। उनका मुंह गाय के समान था.. पर ना उस पर आंखें थी, ना ही कान.. ना ही नाक.. केवल मुंह था.. जो उन्होने खोल रखे थामे। पूरे मुंह में केवल दांत ही थे.. बड़े-बड़े पैने चाकू जैसे। अगर किसी को गलती से भी वह दांत छू लें.. तो उसके शरीर से  मांस भी बाहर निकाल लाए। एक बड़ी सी लप-लपाती हरी-काली जीभ.. जो इतनी लंबी थी की दो मीटर दूर रखी वस्तु को भी वहीं से पकड़ कर खींच ले। शरीर डायनासोर के जैसा ही था.. हरे रंग का छोटा सा पर इतना तो बड़ा था कि ट्रेन की छत को छू रहा था.. उसके छह हाथ और पैर थे। 


छोटी बच्ची बहुत ही ज्यादा डरी हुई सी एक कोने में चिपकी बैठी दिखाई दे रही थी। उस तस्वीर को देखते ही इंस्पेक्टर कदंब चिंकी की मानसिक हालत समझ पा रहे थे। धीरे-धीरे उन्होंने अगला पन्ना पलटा।


 अगले पन्ने पर भी ऐसे ही ट्रेन के चित्र बने हुए दिखाई दे रहे थे। एक-एक करके इंस्पेक्टर कदंब ने कई पन्ने पलट दिए। हर एक पन्ने को देखते हुए इंस्पेक्टर कदंब की हालत काफी खराब होती नजर आ रही थी। नीरज के बारे में तो क्या ही बात की जाए। नीरज भी बहुत डरा हुआ इंस्पेक्टर कदंब के बिल्कुल चिपक कर खड़ा था।


 एक और पन्ना पलटने पर उन्होंने देखा कि उस पन्ने पर भी दो छोटी बच्चियां बनी हुई थी.. जो धीरे धीरे चलते हुए ट्रेन की तरफ जा रही थी। वह तस्वीर भवानीपुर रेलवे स्टेशन की थी। स्टेशन पर ट्रेन खड़ी हुई थी और दो छोटी बच्चियां हाथ पकड़ कर ट्रेन की तरफ बढ़ रही थी। दोनों बच्चियां एक दूसरे की तरफ देखते हुए आगे जा रही थी।


 उस तस्वीर का मतलब इंस्पेक्टर कदंब को समझ में नहीं आया था। इसीलिए इंस्पेक्टर कदंब और नीरज दोनों गौर से उस फोटो को देख रहे थे। तभी अनन्या ने अंदर आते हुए कहा, "सॉरी..! आप लोगों को बहुत देर हो गई थी। ना तो आपकी कोई आवाज आई और ना ही आप बाहर आए तो मैंने सोचा कि आप को देख लूं।" अनन्या ने अंदर आते हुए कहा।


 तभी उसकी नजर इंस्पेक्टर कदंब के हाथ में पकड़ी चिंकी की स्केच बुक पर गई। उसमें बनी फोटो देखकर अनन्या हैरान रह गई और घबराते हुए बोली, "प्रिया..!"


 प्रिया का नाम सुनते ही इंस्पेक्टर कदंब ने झटके से मुड़कर अनन्या को देखा और पूछा, "प्रिया..! वह कौन है? आपकी कोई रिश्तेदार है?"


 अनन्या ने अपना सर ना में हिलाया और कहा, "नहीं..!"


 तभी इंस्पेक्टर कदम को याद आया कि चिंकी ने ट्रेन में एक छोटी बच्ची से मिलने के बारे में बताया था.. उसका भी नाम प्रिया था। यह याद आते ही इंस्पेक्टर कदंब हैरान रह गए और उनका मुंह खुल गया। इंस्पेक्टर कदंब ने अपने मुंह पर हाथ रखते हुए कहा, "ट्रेन वाली प्रिया..!"


 यह कहते ही अनन्या ने अपनी गर्दन हां में हिलाई। 


"इसका मतलब है प्रिया और चिंकी वापस से ट्रेन में गई है। हे भगवान..! चिंकी की रक्षा करना!!" इंस्पेक्टर कदंब ने परेशान होते हुए कहा।


 इंस्पेक्टर कदंब की बात सुनते ही अनन्या की हालत भी काफी खराब दिखाई देने लगी। उसने लगभग रोते हुए कहा, "आप सही कह रहे थे। अब मुझे भी यही लगता है कि चिंकी फिर से उस मनहूस ट्रेन में चढ़ गई। जब से चिंकी वापस आई थी तब से अधिकतर रातों में प्रिया प्रिया करके चिल्लाती रहती थी। हमने साइकेट्रिस्ट को भी दिखाया था। वह कह रहे थे कि चिंकी के मन का वहम है पर वह तो सच था। हमने ही इस बात पर ध्यान नहीं दिया।" इतना कहकर अनन्या रोने लगी।


 "आप चिंता मत कीजिए! चिंकी को कुछ नहीं होगा। बल्कि चिंकी तो हमारे लिए आशा की किरण है। वही एक है जो हमें और भवानीपुर को ट्रेन के आतंक से छुटकारा दिला सकती है।" इंस्पेक्टर कदंब की बात सुनते ही अनन्या ने चौंककर कदंब की तरफ देखते हुए पूछा, "यह आप क्या कह रहे हैं?"


 इंस्पेक्टर कदंब ने लक्ष्मी के साथ हुई घटना के साथ-साथ कमल नारायण जी के बचपन की कहानी के साथ गौतम की आत्मा से हुई बातचीत भी अनन्या को सुना दी। अनन्या वह सब कुछ सुन कर बहुत अजीब सा फील कर रही थी। अनन्या के मन में क्या चल रहा था या कैसा फील कर रही थी? उसे कोई नहीं बता सकता। अनन्या के मन में डर, घबराहट, चिंता सारी फीलिंग्स एक साथ आ रही थी।


 कदंब ने अनन्या को समझाते हुए कहा, "अनन्या जी..! आप विश्वास रखिए चिंकी को कुछ नहीं होगा। वह जल्दी ही वापस आ जाएगी। लेकिन आप प्लीज उसे हमारी हेल्प करने दीजिएगा।"


 अनन्या ने हां में अपनी गर्दन हिलाते हुए कहा, "ठीक है.. अगर आपको लगता है कि चिंकी यह सब कुछ कर सकती है तो ठीक है। पर मुझे आपसे इस बात का एश्योरेंस चाहिए कि चिंकी को इस सब में कुछ नहीं होगा।"


 "जी मैं विश्वास दिलाता हूं कि चिंकी को कुछ नहीं होगा।" इंस्पेक्टर कदंब ने कहा।


उसके बाद कुछ और ढूंढने की आवश्यकता नहीं थी तो इंस्पेक्टर कदंब नीरज के साथ हॉस्पिटल कमल नारायण जी के पास पहुंच गया।



जब कदंब और नीरज कमल नारायण जी के रूम में पहुंचे तो कमल नारायण जी आराम कर रहे थे। इंस्पेक्टर कदंब ने उन्हें आराम करते देखा तो इस समय उन्हें डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा और चुपचाप दबे पांव नीरज को भी शांति से वापस चलने का इशारा कर वापस लौटने लगे.. तभी कमल नारायण जी ने आवाज़ देकर कहा,  "कुछ बहुत ही जरूरी बात होगी जिसकी वजह से आप तुरंत ही वापस आए हों?? तो बिना बोले जाने का क्या मतलब??"


डॉक्टर की हिदायत के बाद कमल नारायण जी की हालत के बारे में सोचकर पहले तो कदंब को कुछ भी बोलना  ठीक नहीं लगा पर समय की गम्भीरता को देखते हुए कदंब ने कहा, "हमें आपको  कुछ दिखाना है।"


कमल नारायण ने नासमझी से पूछा, "क्या??"


तब कदंब ने चिंकी की स्केच बुक कमल नारायण की तरफ बढ़ा दी। कमल नारायण ने पन्ने पलटते हुए एक एक स्केच को गौर से देखना शुरू कर दिया। पहले तो कमल नारायण के चेहरे पर थोड़ी चिंता थी पर धीरे-धीरे वो भी दूर हो गई।


कमल नारायण जी के चेहरे पर हल्की से खुशी की रंगत देख नीरज ने कन्फ्यूजन से पूछा, "अब इसमे आपको क्या मिल गया??"


"आगे बढ़ने का रास्ता!!" कमल नारायण जी ने अपने चेहरे पर थोड़ी गम्भीरता लाते हुए कहा।


कदंब और नीरज दोनों ही नासमझी से कमल नारायण को देख रहे थे तभी कमल नारायण जी ने कहा, "इन चित्रों को देखकर तो लगता है कि हम अपने प्रयोजन में जल्दी ही सफल हो जाएंगे!"


"पर कैसे??" नीरज ने जल्दबाज़ी से पूछा।


"क्योंकि अब हमें मालूम है कि ट्रेन में एग्जैक्टली क्या हुआ था और दूसरी बात कि ट्रेन की ही कोई आत्मा इसमे हमारी मदद करने को तैयार है।" कमल नारायण ने खुश होकर कहा।



"आपका मतलब है कि आप इस काम को बुधवार को कर ही देंगे।" इंस्पेक्टर कदंब ने एक बार कन्फर्म करने के लिहाज से पूछा।


"बिल्कुल.. पर उसके लिए चिंकी का यहां होना जरूरी है।" कमल नारायण जी ने कहा और फिर कुछ सोचने लगे।


पांच मिनट की शांति के बाद जैसे ही कमल नारायण जी कुछ बोलने को हुए तभी इंस्पेक्टर कदंब का फोन रिंग करने लगा। कमल नारायण जी फोन को बजता देख चुप हो गए और कदंब को फोन उठाने का इशारा किया।


कदंब ने फोन उठाकर कहा, "हैलो..!!"


तभी सामने से डॉक्टर शीतल का घबराया हुआ स्वर कान मे पड़ा, "हैलोऽऽऽऽ...!!! "


शीतल की डरी हुई आवाज सुनकर कदंब भी घबरा गए और लगभग हकलाते हुए पूछा, "क.. क्या हुआ है शीतल?? सब ठीक तो है ना??"


सामने से शीतल ने घबराते हुए कहा, "कदंब..!! आप प्लीज जल्दी से यहां आ जाइए!!"


"बताओ तो हुआ क्या है??" इंस्पेक्टर कदंब ने डरते डरते पूछा। उनके मन में बहुत ही ज्यादा घबराहट हो रही थी कि कहीं शीतल कोई बुरी खबर ना सुना दे। कमल नारायण जी और नीरज भी घबराए हुए से इंस्पेक्टर कदंब को देख रहे थे। उन्हें भी किसी अनहोनी की आशंका होने लगी थी।


इससे पहले कि कोई ज़वाब आता या कदंब कुछ और पूछ पाते कॉल डिस्कनेक्ट हो गया। इंस्पेक्टर कदंब का मन घबराहट से भर गया था। उन्होंने दुबारा से कॉल करने की कोशिश की लेकिन फोन लग ही नहीं रहा था। कदंब को अब झुंझलाहट होने लगी थी।


इंस्पेक्टर कदंब ने नीरज की तरफ देखते हुए कहा, "हमें निकलना होगा अभी!!"


"सब ठीक तो है ना सर..!!" नीरज ने डरते हुए पूछा।


नीरज के बे मौके के सवाल पर कदंब ने घूर कर नीरज को देखा तो नीरज तुरंत ही कमरे से बाहर निकल गया। कमल नारायण जी ने भी नाजुक हालात समझकर कदंब से कुछ पूछना उचित नहीं समझा।


कदंब भी दरवाज़े की तरफ चल दिया तभी वापस पलटकर कमल नारायण जी से बोला, "आप तब तक अपने अनुष्ठान की तैयारी कीजिए। जिस भी चीज़ की जरूरत है आप हमें बता दीजियेगा.. उसका इंतज़ाम हो जाएगा। ये आखिरी मौका है जब हम कुछ कर सकते हैं।"

कमल नारायण जी कुछ बोलने वाले थे कि कदंब ने आगे कहा, "आप चिंकी की चिंता मत कीजिए। किसी भी हालत में चिंकी आने वाले बुधवार से पहले यहां होगी हमारी मदद करने के लिए।"


इंस्पेक्टर कदंब के आश्वासन पर कमल नारायण ने मुस्कराकर हाँ में अपना सर हिलाया और कदंब तेजी से बाहर निकल गए।


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4 Comments

Punam verma

28-Mar-2022 10:27 AM

अब आगे क्या होगा जान ने की उत्सुकता बढ़ गयी है

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Seema Priyadarshini sahay

24-Mar-2022 05:48 PM

बहुत खूबसूरत

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Gunjan Kamal

24-Mar-2022 02:15 PM

Nice part 👌

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